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Allahabad, Uttar Pradesh, India
Blog-Advisor -: Dhananjai Chopra(Course Coordinator,CMS,IPS,AU), Founding Blog-Manager -: Prateek Pathak....

Sunday, January 19, 2014

इश्क में कुछ यूँ हुआ...






इश्क में जान हथेली पर लिए फिरते हैं’, यकीनन, यहाँ मरना जैसे  जीने से ज्यादा आसान होता है. पद, नाम, दौलत और शौहरत की यहाँ कोई कीमत नहीं होती, इश्क में कोई खुलकर बदनाम होता है तो किसी को पद और प्रतिष्ठा का भी ख्याल नहीं रहता. इसकी मिसाल हमे समय-समय पर मिलती रहती है, गुरुवार को  ही खबर पढ़ी थी कि केन्द्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री शशि थरूर अपने नए अफेयर को लेकर दो दिन से ट्विटर पर कंट्रोवर्सी में हैं. उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर ने पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार पर अपने पति पर डोरे डालने का आरोप लगाते हुए खुलासा किया था कि कथित पाकिस्तानी जर्नलिस्ट ने शशि का अकाउंट हैक करके लगातार एक के बाद एक रिझाने वाले ट्वीट भेजे हैं. सुनंदा ने मेहर तरार को जमकर लताड़ा और आई एस आई का एजेंट तक कह दिया. मेहर पर गुस्से के बाद सुनंदा शशि थरूर से सार्वजनिक रूप से गिडगिडाई, जिसमे दोनों के बीच आये ‘तीसरे’ की चुभन साफ़ नज़र आयी. सुनंदा ने ट्वीट किया था -“प्लीज शशि, मैं आपके पैर पड़ती हूँ, आपसे भीख मांगती हूँ, मुझे अपनी ज़िंदगी से मत निकालिए. मैं आपसे प्यार करती हूँ.” 
शुक्रवार को सुनंदा पुष्कर दिल्ली के एक पांच सितारा होटल लीला में मृत पाई गयी. आघात सा लगा. यकीन ही नहीं हुआ. सुनंदा पुष्कर को जितने लोग जानते हैं वह मानते हैं कि सुनंदा बेहद जिंदादिल औरत थीं और वह आत्महत्या जैसा बुजदिली से भरा कदम नहीं उठा सकती. ज़िंदगी में बहुत दंश झेलने के बाद जैसे ज़िंदगी से हंसकर कह ही दिया,- ''बहुत थक गई होगी ना! तो ठहर जा ''  


इस मामले को देखने के बाद बरबस ही हमारी स्मृतिओं में कुछ और खूबसूरत चेहरे घूमने लगते हैं, जिनकी मासूमियत को बेबफाई ने ऐसा रौंदा कि उन्हें इश्क करने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पडी. इश्क में जान की बाजी हारने वालों की एक लंबी फेहरिश्त है हमारे पास, जिन्होंने या तो खुद ही अपना वजूद मिटा लिया या फिर उन्हें दूसरे के हाथों अपनी जीवन लीला से विदा होना पड़ा. 


पिछले साल २५ वर्षीय बॉलीवुड अदाकारा जिया खान ने 3 जून 2013 को देर रात बांद्रा में अपने घर पर फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया. जिया खान की मौत पर बॉलीवुड भी सन्न रह गया. जिया खान की आत्महत्या का सुसाइड नोट उनकी मां राबिया खान ने मीडिया के लिए जारी किया जिसमे मां का कहना है कि अभिनेता आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली की बेरुखी ने जिया को तोड़ दिया और इसी वजह से जिया ने आत्महत्या जैसा कदम उठायाजिया ने खुदकुशी से पहले लिखे अपने आखिरी खत में किसी का नाम तो नहीं लिया था लेकिन इस पूरे खत में उन्होंने जगह जगह धोखा देने और फायदा उठाने का आरोप लगाया है.



०४ अगस्त २०१२ को पूर्व एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा अपने कमरे में फंखे पर लटकी मिली. एमएलडीआर एयरलाइंस के मालिक और हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा ने नौकरी देकर गीतिका का भरपूर शारीरिक शोषण किया. गीतिका के गोपाल कांडा से अंतरंग संबंध थे इसलिए वह शादी करना चाहती थीलेकिन कांडा शादी के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था, तंग आकर गीतिका ने अपने कमरे के पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली. कोर्ट ने एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में आरोपी गोपाल कांडा और उसकी सहयोगी अरुणा चड्ढा के खिलाफ आरोप तय कर दिये. गोपाल कांडा को गिरफ्तार किया गया. गीतिका के सुसाइड के ठीक महीने बाद ठीक उसी घर में उसी कमरे में उसी पंखे पर गीतिका की मां झूल रही थी. कहा जाता है कि इस मौत के पीछे भी गोपाल कांडा का ही हाथ था.


चाँद और फिज़ा , कहानी किसी सुपरहिट फिल्म से कहीं ज्यादा सुपरहिट थी.
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन और पूर्व एडवोकेट जनरल अनुराधा बाली इश्क में ऐसे डूबे कि पद और नाम के कोई मायने ही नहीं रहे. अनुराधा बाली ने अपना नाम बदलकर फ़िज़ा कर लिया था और चंद्रमोहन उर्फ चांद मोहम्‍मद से 2008 में इस्लाम धर्म अपनाकर शादी कर ली थी. भरी दबाब और विवादों के बीच दोनों जुलाई 2009 में अलग हो गए. जुलाई 2009में चंद्रमोहन उर्फ चांद मोहम्मद ने फिर से धर्म परिवर्तन कर अपनी प्रेमिका के पास न लौटने की कसम खायी. फिज़ा ने लाख कोशिशें कीं लेकिन सिवाय बदनामी के कुछ हासिल नहीं हुआ, फ़िज़ा डिप्रेशन में अकेली रहने लगीं, और ६ अगस्त2012 को फिजा का 3-4 दिन पुराना शव सड़ी-गली हालत में मोहाली स्थित उनके आवास से मिला...

युवा कवयित्री मधुमिता शुक्ला ने अपनी कलम एक ऐसी प्रेम की स्याही में डुबोई  कि वो उनके लिए ही ज़हर बन गयी. मधुमिता की मई 2003 में उसके घर पर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम हुआ तो चौंकाने वाली खबर सामने आई, कि  मधुमिता गर्भवती थी। शक की सुई उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की ओर गई। तो धीरे-धीरे मामला साफ़ हो गया. हत्या के पीछे की वजह यह बताई गई कि मधुमिता अमरमणि से गर्भवती हो गई थी। फिलहाल अमरमणि जेल में हैं।



उत्तर प्रदेश के एक और तत्कालीन मंत्री आनंद सेन की जिंदगी में भी एक लड़की मिटने आई- शशि। शशि क़ानून की पढाई कर रही थी, और अपने ख्वाब को पूरा करने के लिए आनंद सेन के करीब आई। शशि विधायक बनाना चाहती थी। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गईंआनंद सेन के शशि से प्रेम संबंध थे और उन्होंने शशि से शादी का वादा भी किया था लेकिन 22 अक्टूबर 2007 को शशि गायब हुई। लंबी छानबीन और धड़पकड़ के बाद पता चला कि वह इस दुनिया से जा चुकी है। उसकी हत्या हो गई है. बाद में आनंद सेन तब मायावती सरकार में मंत्री थे। उन्होंने इस केस को बहुत दबाने की कोशिश की लेकिन मीडिया के शोर से ये केस कोर्ट तक पहुंचा. फैजाबाद जिला न्यायलय ने आनंद सेन समेत तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई, मगर २०१३ में इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने बारी कर दिया.

 आरटीआई एक्टीविस्ट शेहला मसूद की 16 अगस्त 2011 को भोपाल के कोह-ए-फिजा इलाके में उस वक्त गोली मार कर हत्या कर दी गई थी जब वह अपने घर के सामने कार में बैठी. हत्या बेहद आम लग रही थी लेकिन जब कहानी की परतें खुलीं तो सब चकित रह गए. इस मामले में भोपाल की इंटीरियर डिजाइनर जाहिदा परवेज को गिरफ्तार किया गया, और उसने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया. मामला प्रेम त्रिकोण का निकला, जाहिदा ने शेहला की हत्या के पीछे अपने पति से उसके अवैध संबंध को वजह बताया. शेहला और जाहिदा मित्र थीं. दोनों की दोस्ती के बीच में ही किसी तरह शेहला के संबंध जाहिदा के पति से बन गए. पति को खोने के डर से जाहिदा ने शेहला को मरवा डाला...

       और भी अनगिनत कहानियां हैं, जिनमे इश्क की भट्टी में खुद को झोंक कर इस दुनियां से रुखसत होने का सिलसिला चला आ रहा है, मगर इन चर्चित प्रकरणों को लेने का मेरा अर्थ यही था और सवाल भी कि इस भट्टी में आखिर सुनंदा, फिज़ा, जिया, और मधुमिता ही क्यों झोंक दी जाती हैं? क्यों कोई चाँद, सूरज या गोपाल नहीं? स्त्री की मासूमियत और नाजुक भावनाओं के खिलाड़ी दगाबाजों को 'धूमिल' की चंद पंक्तियाँ शायद इसका जबाब देते हुए स्त्रियों से कह रही है- 
       ''अपनी आदतों में फूलों की जगह पत्थर भरो
        मासूमियत के हर तकाजे को ठोकर मार दो
        अब समय आ गया है कि 
                        तुम उठो और अपनी ऊब को आवाज दो''' 

Vinay Kumar Yadav
Student
B.A in Media Studies
University Of Allahabad

1 comment:

  1. Wo to khushboo hai, hawaon mein bikhar jayega
    Masla phool ka hai, Phool kidhar jayega

    Aur isi liye, phoolon ko kuchal diya jata hai

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